पोरवाल भवन में धैर्यप्रभाजी मसा का यशस्वी चातुर्मास पूर्ण होने पर विदाई में छलक पड़े आंसू*
साध्वी मंडल के साथ भावुक हुए समाजजन*, *महिलाओं की बही अश्रुधारा*

पोरवाल भवन में धैर्यप्रभाजी मसा का यशस्वी चातुर्मास पूर्ण होने पर विदाई में छलक पड़े आंसू*
*साध्वी मंडल के साथ भावुक हुए समाजजन*, *महिलाओं की बही अश्रुधारा*
*इंदौर।* श्री श्वेतांबर जैन पदमावती पोरवाल संघ जंगमपुरा में यशस्वी और यादगार चातुर्मास पूर्ण करने के बाद अंतिम दिन जैन दिवाकर धर्म शेरनी महासती श्री धैर्यप्रभाजी महाराज आदि ठाणा 5 का विहार पोरवाल भवन से रामबाग दादावाड़ी के लिए प्रारंभ हुआ। इसके पूर्व विहार यात्रा में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में समाजजन पोरवाल भवन पर एकत्रित होने लगे थे। देखते देखते पोरवाल भवन और उसके आसपास समाजजनों की भीड़ जमा हो गई। विहार के पूर्व महासतीजी ने दिवाकर दरबार में अंतिम चमत्कारी महामांगलिक सुनाकर उपस्थित लोगों को भावविभोर कर दिया। साध्वी मंडल से लगाव के कारण विहार में पूरे समाजजनों के चेहरे उदास दिखाई दे रहे थे। आज चातुर्मास वाली चमक नहीं थी। विदाई की बेला में सभी की आंखों से अश्रुधारा बह रही थी। विशेष रूप से महिलाओं के आंसू थम नहीं पा रहे थे। इस चातुर्मास की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि महासती धैर्यप्रभाजी महाराज से प्रभावित होकर पोरवाल समाज की युवा पीढ़ी में धर्म के प्रति जबरदस्त लगन जागी, जो अंत तक बनी रही। जिसकी सभी समाजजनों ने भी प्रशंसा की। विहार में आज युवा भी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। विहार यात्रा में पूरा समाज एकजूट होकर चल रहा था। चातुर्मास में इन छोटी छोटी साध्वियों के ज्ञान के अपार भंडार को समाजजनों ने अपनी सामर्थ्य अनुसार बटोरने का प्रयास किया। महासतीजी ने चातुर्मास में हर विषय पर अपनी सरल और सुंदर भाषा में प्रवचन देकर पोरवाल समाज को उपकृत कर दिया। हमारी भावना है आप जहाँ भी विचरण करें वहाँ साधना का प्रकाश बढे़। यह विदाई नही, अगली भेंट की विराम यात्रा है।
विदाई के एक दिन पूर्व कृतज्ञता दिवस मनाया गया, जिसमें अनेक वक्ताओं ने महासती मंडल के प्रति अपनी आस्था का इजहार किया और सफल व ऐतिहासिक चातुर्मास के लिए सभी के सहयोग की सराहना की। युवाओं ने भी अपने सुविचार साझा कर सबका दिल जीत लिया।
प्रचार प्रमुख मुकेश जैन ने बताया कि विहार यात्रा में प्रमुख रूप से पोरवाल संघ अध्यक्ष विनोद जैन, मंत्री कमल जैन, चातुर्मास संयोजक पारस , उप संयोजक छगनलाल जैन, चातुर्मास प्रमुख मोहन जैन, ओमप्रकाश जैन, ताराचंद जैन, सर्वश्री चौथमल जैन, जम्बूकुमार जैन, बाबूलाल जैन, जिनेश्वर जैन, तेजमल जैन, लडडूलाल जैन, राजेश जैन पप्पू, सुनील जैन, गौतम जैन देवली, राजेन्द्र जैन बाबू, सुरेन्द्र जैन, धर्मचंद जैन, महेश जैन, आलोक जैन, अविनाश जैन, जगदीश जैन, सीए नीरज जैन, प्रो. विमल जैन, कन्हैया जैन, ललित जैन, हनुमान प्रसाद जैन, मुकेश जैन पाटोली, सुजानमल पोरवाल, सुशील जैन, शांतिलालजी बरवाड़ा वाले, अंकुश जैन चीलू, रमेशजी भूरीपहाड़ी सहित महिला मंडल की पदाधिकारी एवं सदस्याएं बड़ी संख्या में शामिल थीं।



