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पोरवाल भवन में शताब्दी नायक  मूलचंद महाराज की 104वीं जन्म जयंती पर नेकी कार्यों का शंखनाद

पोरवाल समाज बंधुओं ने नेकी के अनेक प्रत्याख्यान लेकर जरूरतमंदों की सेवा का संकल्प लिया

पोरवाल भवन में शताब्दी नायक  मूलचंद महाराज की 104वीं जन्म जयंती पर नेकी कार्यों का शंखनाद

 पोरवाल समाज बंधुओं ने नेकी के अनेक प्रत्याख्यान लेकर जरूरतमंदों की सेवा का संकल्प लिया

इंदौर। शताब्दी नायक उपाध्याय प्रवर मूलचंद महाराज की 104वीं जन्म जयंती एवं चतुर्थ पुण्य स्मृति दिवस आज संयुक्त रूप से पोरवाल भवन जंगमपुरा में नेकी महोत्सव के रूप में श्रद्धापूर्वक मनाया गया।
इस अवसर पर धर्म शेरनी महासती  धैर्यप्रभाजी मसा आदि ठाणा ने अपने प्रेरक प्रवचन में कहा कि शताब्दी नायक श्री मूलचंदजी महाराज के करुणा, दया और मानवता के कार्यों को भुलाया नहीं जा सकता। सैकड़ों वर्षों में ऐसे बिरले शताब्दी पुरुष होते हैं जो इस धरा पर बरसों में जन्म लेते हैं। आपने कहा कि जीवन में गुरु की चाल से चलोगे तो आपका भला ही भला होगा। उनके बताए मार्ग पर चलना सीखें।
मूलचंद महाराज ने नौ जैन आचार्यों के साथ जिनशासन की सेवा कर कीर्तिमान स्थापित किया। 10 वर्ष तक जैन दिवाकर श्री चौथमलजी महाराज के साथ रहकर जीवन, जगत और साधना की बातें सीखी। फिर 14 वर्ष तक ज्योतिषाचार्य उपाध्याय  कस्तूरचंद महाराज के सानिध्य में रहकर निम्न मध्यम वर्ग के लोगों के कष्टों का अनुभव किया और अपने से छोटों का सम्मान करने का भाव जाना। वे प्राकृत, हिन्दी, मारवाड़ी, राजस्थानी, मराठी आदि अनेक भाषाओं के ज्ञाता भी थे। वे अपने बचपन के मित्रों में मूलिया के नाम से प्रसिद्ध थे।
वे श्रमण संघ के सबसे वरिष्ठ संत होने के कारण उन्हें उनके भक्त भगवान मानते थे।
पोरवाल संघ के अध्यक्ष विनोद जैन एवं मंत्री कमल जैन एवं  चातुर्मास समिति प्रमुख मोहन जैन ने बताया कि आज समाज बंधुओं ने महासती श्री धैर्यप्रभाजी मसा के मुखारविंद से नेकी के अनेक प्रत्याख्यान लेकर पोरवाल संघ का मान बढ़ाया है। आप भविष्य में भी इसी प्रकार के नेकी के कार्य करते रहें, ऐसी मंगल कामना करते हैं। हम संघ और चातुर्मास समिति की ओर से आपकी अनुमोदना करते हैं। आज समाज बंधुओं ने नेकी के अनेक कार्य करने का संकल्प लिया। इनमें एक वर्ष तक सामायिक करना, माह में एक आयंबिल करना, गौशाला में हरा चारा डालना, अंकुरित वस्तु नहीं खाना, ऊं ऊषभ की एक माला फेरना, जीव दया के कार्य करना, बच्चों को ज्ञानवर्धक वस्तु देना और जरूरतमंदों की सेवा करना  शामिल थे। इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष छगनलाल जैन ने गुरुदेव के चमत्कारिक प्रसंग पर प्रकाश डाला। आलोक जैन ने ‘गुरु आपकी कृपा से’ गुरुभक्ति गीत प्रस्तुत किया।
प्रचार प्रमुख मुकेश जैन एवं अंकित जैन ने बताया कि आज धर्म सभा में समाजसेवी लड्डूलाल जैन, चौथमल जैन, प्रो. टीसी जैन, प्रो. विमल जैन, प्रकाशजी नोहरे वाले, बाबूलाल जैन, सुशील जैन, हनुमान प्रसाद जैन, तेजमल जैन, जम्बूकुमार जैन, ताराचंद जैन, सुरेन्द्र जैन, दिनेश जैन, धर्मचंद जैन सहित कोटा, सवाईमाधोपुर, जयपुर, बड़ी सादड़ी, पंजाब, हरियाणा आदि स्थानों के गुरुभक्त भी उपस्थित थे।

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