सूर्योदय पर शुभ मुहूर्त में मंत्रोच्चार के साथ हुई घट स्थापना
देवी भागवत कथा में भक्तों ने सुना भगवान शिव और भगवती सती के विवाह का दिव्य प्रसंग

इंदौर, । इंदौर में हो रहे ‘अति विशाल नवरात्रि महामहोत्सव’ की शुरुआत सोमवार को सूर्योदय पर शुभ मुहूर्त में मंत्रोच्चार के साथ घट स्थापना से हो गई। ये भव्य और अद्वितीय धार्मिक आयोजन 2 अक्टूबर तक वीआईपी परस्पर नगर में कृष्णगिरी पीठाधीश्वर, पूज्यपाद जगतगुरु श्री श्री 1008 आचार्य वसंत विजयानंद गिरिजी महाराज के सानिध्य में होगा। आज सुबह घट स्थापना के बाद यज्ञ आहुतियों और शाम को देवी भागवत कथा में हजारों भक्तों और आचार्यश्री के अनुयायियों ने धर्म और भक्ति लाभ लिया।
कृष्णगिरी पीठाधीश्वर, पूज्यपाद जगतगुरु श्री श्री 1008 आचार्य वसंत विजयानंद गिरिजी महाराज ने बताया कि इस बार विशेष नवरात्रि सर्वात्र सिद्धी योग के साथ ब्रह्म योग में एक तिथि वृद्धि के साथ सैकड़ों वर्षों में देखने में आई है। एक तिथि की वृद्धि के साथ ब्रह्म योग, सर्वात्र सिद्धी योग भी आया है, जो भक्तों को अनुष्ठान, पूजा, भक्ति से नवरात्रि के पर्व में अति विशेष सुख-शांति, समृद्धि का लाभ दिलाएगा। नवरात्रि महामहोत्सव के सभी कार्यक्रमों की शुरुआत सूर्योदय के समय 108 विशाल दिव्य अष्ट लक्ष्मी युक्त महाकलश, जिसमें विभिन्न औषधियां और समृद्धि दायक वस्तुओं को पूरित कर रखा गया है, उनकी स्थापना और मां महालक्ष्मी की प्रतिमा की स्थापना के साथ हो गई है। सोमवार को नवरात्रि के पहले दिन काशी से आए 145 विद्वान पंडितों ने 1 करोड़ कुमकुम अर्चन में से 10 लाख कुमकुम अर्चन की आराधना भी की। यज्ञ में 1 लाख विशेष आहुतियां दी गई। सैकड़ों की संख्या में महिलाएं लाल और पुरुष सफेद वस्त्र में यज्ञ में बैठे।
विभिन्न वर्गों के लिए विशेष प्रवचन
आयोजन स्थल पर हर दिन शाम 7 से रात 10 बजे तक देवी भागवत कथा भी हो रही है। आज पहले दिन आचार्यश्री के मुख से देवी भागवत कथा का श्रवण लाभ लेने के लिए हजारों की संख्या में समय से पहले ही भक्त पहुंचे। भक्तों ने देवी भागवत कथा में भगवान शिव और भगवती सती के विवाह के दिव्य प्रसंग को नम आंखों से सुना। पहले दिन भक्तों को नवरात्रि में मां भगवती की प्रत्यक्ष कृपा प्राप्त होने के लिए करने वाले उपायों की जानकारी भी दी गई। हर दिन आयोजन स्थल पर विभिन्न वर्गों के लिए विशेष प्रवचन भी होंगे। इसके बाद यहां कवि सम्मेलन और अन्य प्रस्तुतियां भी होगी। भक्तों के लिए उपवास और सामान्य भोजन प्रसाद की निःशुल्क व्यवस्था रात 1 बजे तक जारी रहेगी।