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घातक हथियार की बजाय एसिड का उपयोग कर रहे अपराधी

एसिड अटैक सर्वाइवर्स के साथ छः शहरों की यात्रा पर निकली संस्था छांव

घातक हथियार की बजाय एसिड का उपयोग कर रहे अपराधी

एसिड अटैक सर्वाइवर्स के साथ छः शहरों की यात्रा पर निकली संस्था छांव

इंदौर।  एसिड अटैक सर्वाइवर्स की मदद कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने वाले एनजीओ छांव के संस्थापक आलोक दीक्षित ने कहा कि घातक हथियारों की बजाय अपराधी एसिड को अपना हथियार बनाकर मासूम जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कमजोर पर हमला करने की मानसिकता के चलते देश में अधिकतर युवतियां एसिड अटैक का शिकार बनती हैं।

दीक्षित स्टेट प्रेस क्लब, म.प्र. के ‘रूबरू’ कार्यक्रम में मीडियाकर्मियों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि देश में उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, झारखंड, दिल्ली, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में एसिड अटैक की ज्यादा घटनाएं होती हैं। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में एसिड अटैक की घटनाओं का प्रतिशत कम है। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश में पिछले 6 सालों में एसिड अटैक की 39 घटनाएं हुई जिसमें सात प्रकरण इंदौर के हैं।उन्होंने बताया कि भारत के अलावा यूके, नेपाल, श्रीलंका जैसे देशों में भी एसिड अटैक की घटनाएं अधिक संख्या में होती है। चाकू और तलवार की बजाय अपराधी एसिड का उपयोग करने लगे हैं।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में कड़े कानून आने के बाद एसिड अटैक करने वाले अपराधी को उम्र कैद एवं एसिड अटैक की धमकी तक देने वाले को सात साल की सजा का प्रावधान हो गया है। एसिड अटैक का कड़ाई से पालन हो इसके लिए उनकी संस्था छांव लगातार प्रयास कर रही है। इस मामले में जिला प्रशासनो का रवैया निराशाजनक है क्योंकि बाजार में खुलेआम एसिड न बिके इसकी रोकथाम स्थानीय प्रशासन के जिम्मे रहती है। उनकी संस्था ने देश के अनेक शहरों में एसिड की खरीदी-बिक्री और हिसाब-किताब संबंधी आरटीआई लगाई लेकिन कोई उचित जवाब नहीं मिला। छांव के संस्थापक आलोक दीक्षित ने बताया कि उनकी संस्था एसिड अवेयरनेस के लिए 15 अगस्त से एक सितंबर तक छः शहरों की यात्रा पर निकली है। यात्रा में एनजीओ के पदाधिकारी सहित सात एसिड अटैक सर्वाइवर्स भी शामिल है। नोएडा, आगरा, इंदौर होते हुए यात्रा शिरडी पुणे होकर मुंबई में समाप्त होगी।

एनजीओ छांव के सीओओ अजीत कुमार ने बताया कि उनका एनजीओ शिरोज़ कैफे, शिरोज़ स्टोर्स, सिरोज़ टीवी और शिरोस कैप्स का संचालन कर रहा है। आगरा, लखनऊ, नोएडा में चार  कैफे संचालित हो रहे हैं जल्दी ही पुणे और फिर दिल्ली में कैफे शुरू होंगे। शिरोज के माध्यम से एसिड अटैक सर्वाइवर्स के जीवन में उत्थान का प्रयास किया जाता है। अभी 150 से अधिक सर्वाइवर्स उनके ग्रुप से जुड़े हैं 300 से अधिक एसिड सर्वाइवर्स को उनकी संस्था इलाज में मदद कर चुकी है। एसिड सर्वाइवर्स के अलावा वे बर्न केस और डिसेबल लोगों की भी मदद करते हैं। उनके अभियान को देश की कई बड़ी कंपनियों का सहयोग मिलने से मदद की राह आसान हुई है। उन्होंने बताया कि देश के बड़े अस्पतालों में एसिड अटैक का बेहतर इलाज उपलब्ध है। राज्य सरकार भी पांच लाख से आठ लाख  रुपए तक की मदद पीड़ितों को करती है।

बदला लेने में एकतरफ़ा प्रेम के मामले प्रमुख

छांव की अवेयरनेस यात्रा में शामिल एसिड अटैक सर्वाइवर्स ने अपने अनुभव मीडिया के साथ शेयर किए। झारखंड की काजल यादव ने बताया कि जब वह 16 साल की थी और गांव में कोचिंग क्लास जाती थी तब एक लड़के ने उसे प्रपोज किया। मना करने पर उसने भाई को जान से मारने की धमकी दी। जब इस मामले में परिजनों ने लड़के के खिलाफ पुलिस रिपोर्ट की तो उसने घर में आकर तेज़ाब फेंक दिया। काजल का कहना है कि आरोपी को भले ही लंबी सजा मिल गई हो लेकिन गांव के लोग अभी भी उसे इग्नोर करते हैं। आम जनता एसिड सर्वाइवर्स के साथ असामान्य व्यवहार करती है।

उत्तर प्रदेश की अंशु राजपूत ने बताया कि वर्ष 2014 में जब वह 15 साल की थी तब एक 55 वर्षीय अधेड़ ने उसे प्रपोज किया।  बात नहीं मानने पर उस पर एसिड अटैक कर दिया गया। लंबी सजा काटकर आरोपी 2022 में जमानत पर बाहर आ गया है। अंतिमा शर्मा ने बताया की बदला लेने की नीयत से उसे पर दो वर्ष पूर्व एसिड अटैक हुआ लेकिन त्वरित न्याय के चलते आरोपी को मात्र चार माह में आजीवन कारावास हो गया।

रूपा ने बताया की एसिड अटैक के बाद उनके सामने सबसे बड़ा प्रश्न था की जीवन का क्या होगा लेकिन छांव संस्था ने आगे बढ़कर उन्हें सम्मान के साथ जीवन जीने और रोजगार का अवसर दिया। उन्होंने बताया कि शिरोज़ कैफे में आने वाले कस्टमर पहले उन्हें एसिड वाली लड़कियां कह कर परहेज करते थे अब सोच बदल रही है। कई सज्जन कस्टमर  उदारतापूर्वक हमारे कैफे में आकर न केवल बिजनेस देते हैं बल्कि हमारा मान सम्मान भी बढ़ाते हैं। जूली, मौसमी और प्रीति ने भी अपने अनुभव सुनाए और कहा कि जब तक मन में आरोपी से बदला लेने की भावना रहती है तब तक हम अपने आगामी लक्ष्य पर फोकस नहीं कर पाते। हम पुरानी घटनाओं को भूलकर नया जीवन जीने की कोशिश में लगे हुए हैं।

प्रारंभ में छांव के संस्थापक आलोक दीक्षित, सीओओ अजीत कुमार एवं सातों सर्वाइवर्स का स्वागत प्रवीण खारीवाल, विजय गुंजाल, सुदेश गुप्ता, सोनाली यादव ने किया। कार्टूनिस्ट गोविन्द लाहोटी ‘कुमार’ ने अलोक दीक्षित को कैरीकेचर भेंट किया। मीना राणा शाह एवं ऋतू साहू ने स्मृति चिन्ह भेंट किए। कार्यक्रम का संचालन यशवर्धन सिंह ने किया।

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