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फेयरफील्ड बाय मैरियट इंदौर में होगा राजस्थानी व्यंजनों का भव्य उत्सव

द रॉयल फ्लेवर्स ऑफ राजस्थान”*

फेयरफील्ड बाय मैरियट इंदौर में होगा राजस्थानी व्यंजनों का भव्य उत्सव “

द रॉयल फ्लेवर्स ऑफ राजस्थान”

*इंदौर:* इंदौर शहर राजस्थान की संस्कृति, स्वाद और परंपरा से हमेशा से गहरा संबंध रखता आया है। यहाँ के खानपान में भी राजस्थानी छाप स्पष्ट रूप से महसूस की जा सकती है। लेकिन राजस्थान का वास्तविक स्वाद केवल मसालों तक सीमित नहीं है, वह राजसी, गहरा और परंपराओं में रचा-बसा होता है। उसकी खुशबू में विरासत है, उसके मसालों में इतिहास है और उसके व्यंजनों में सदियों पुरानी शान समाई होती है।

इसी अनूठे अनुभव को इंदौरवासियों तक पहुँचाने के लिए फेयरफील्ड बाय मैरियट, इंदौर “द रॉयल फ्लेवर्स ऑफ राजस्थान” प्रस्तुत कर रहा है, एक ऐसा उत्सव जो मेहमानों को राजस्थान के प्रामाणिक, शाही स्वाद की दुनिया में ले जाएगा। यह विशेष फूड फेस्टिवल 20 नवंबर से 30 नवंबर 2025 तक प्रतिदिन शाम 7 बजे से रात 11 बजे तक आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन में शहरवासियों और मेहमानों के लिए राजस्थानी संस्कृति, खानपान और परंपरा को एक ही छत के नीचे अनुभव करने का अवसर उपलब्ध होगा।

उत्सव में राजस्थानी विरासत को पूरी मौलिकता के साथ प्रस्तुत किया जाएगा। मेहमान यहाँ दाल बाटी चूरमा, पारंपरिक मसालेदार सब्जियाँ, देसी घी से बने स्नैक्स, राजसी मुख्य व्यंजन और पारंपरिक मिठाइयों जैसे कई प्रतिष्ठित व्यंजनों का स्वाद ले सकेंगे। हर डिश को वही असली स्वाद, वही मसालों का संतुलन और वही राजस्थानी तकनीक अपनाकर तैयार किया गया है, जिसके लिए राजस्थान दुनिया भर में प्रसिद्ध है।

फेSAVE 20251120 162726moolयरफील्ड बाय मैरियट इंदौर के होटल मैनेजर सुदीप सिन्हा ने कहा* , “हम इंदौरवासियों के लिए इस विशेष उत्सव को प्रस्तुत करते हुए बेहद उत्साहित हैं। द रॉयल फ्लेवर्स ऑफ राजस्थान सिर्फ एक फूड फेस्टिवल नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक अनुभव है, जहाँ हर व्यंजन राजस्थान की समृद्ध विरासत, परंपरा और शाही रसोई का प्रतीक है। हमारा प्रयास है कि मेहमानों को ऐसा माहौल और स्वाद मिले, मानो वे वास्तव में राजस्थान की राजसी मिट्टी में कदम रख रहे हों। फेयरफील्ड बाय मैरियट, इंदौर सदैव अपने मेहमानों को नए नए पाक अनुभव प्रदान करने के लिए जाना जाता है।

इस बार प्रस्तुत द रॉयल फ्लेवर्स ऑफ राजस्थान उत्सव न केवल एक भोजन अनुभव है, बल्कि एक सांस्कृतिक यात्रा भी है, जहाँ मेहमानों को ऐसा एहसास होगा मानो वे राजस्थान की शाही गलियों, प्राचीन हवेलियों और पारंपरिक रसोई की महक में खो गए हों।”

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