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इंदौर में 13 वर्षीय जैन बाल मुनि रविवार को बनाएंगे विश्व कीर्तिमान,

देशभर के वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञ भी आएंगे

तिलकेश्वर पार्श्वनाथ तीर्थ धार्मिक पारमार्थिक सार्वजनिक न्यास

इंदौर में 13 वर्षीय जैन बाल मुनि रविवार को बनाएंगे विश्व कीर्तिमान,

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– देशभर के वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञ भी आएंगे

इंदौर । इंदौर में 13 वर्षीय जैन बाल मुनि रविवार को बनाएंगे विश्व कीर्तिमान,  देशभर के वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञ भी आएंगे

अभय प्रशाल में 10 अगस्त को होगा अनूठा आयोजन – सैकड़ों सवालों को सुनकर उन्हें तत्काल वहीं पर दोहराएंगे
शहर में रविवार, 10 अगस्त को सुबह 8.30 बजे से रेसकोर्स रोड स्थित अभय प्रशाल स्टेडियम पर जैनाचार्य प.पू. नयचंद्रसागर सूरीधर म.सा. की पावन निश्रा में गणिवर्य डॉ. अजीतचंद्र सागर म.सा. की प्रेरणा से एक 13 वर्षीय मुनिराज विजयचंद्र सागर सैकड़ों सवालों को मुंहजबानी याद रखकर तत्काल उन्हें दोहराएंगे, बल्कि सीधे क्रम में, उल्टे क्रम में और रेंडम क्रम में भी उन सभी सवालों या पूछी गई बातों को सुपर कम्प्यूटर की तर्ज पर स्टेडियम में मौजूद हजारों दर्शकों और श्रोताओं के बीच प्रस्तुत भी करेंगे। यह एक अनूठा विश्व कीर्तिमान बनेगा। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में राजस्थान के पूर्व खनिज मंत्री प्रमोद भाया जैन, देवास के सांसद महेन्द्र सिंह सोलंकी एवं महाराष्ट्र हाईकोर्ट के पूर्व न्यायामूर्ति कमल किशोर तांतेड़ सहित अनेक विशिष्टजन इस आयोजन में शामिल होंगे। शहर में विराजित सभी साधु साध्वी भगवंत भी इस आयोजन में पावन सानिध्य प्रदान करेंगे।
आयोजन समिति की ओर से समाजसेवी ललित सी. जैन, अक्षय सुराना, निशांत कोठारी, दिलीप शाह एवं संदीप पोरवाल ने जैनाचार्य प.पू. नयचंद्रसागर सूरीधर म.सा. एवं गणिवर्य डॉ. अजीतचंद्र सागर म.सा. के सानिध्य में उक्त जानकारी देते हुए बताया कि शहर में पहली बार हो रहे इस अनूठे आयोजन के साक्षी बनने के लिए देश के 50 वैज्ञानिक, बैंगलुरू के ‘न्यूरोलॉजिकल साइंटिस्ट रिसर्च सेंटर’ से जड़े वैज्ञानिक एवं चिकित्सक, इसरो के वैज्ञानिक, आयकर एवं जीएसटी अधिकारी तथा अभिभाषक एवं विभिन्न कालेजों के विभाग प्रमुख सहित अनेक विशिष्ट और गणमान्य लोग भी इंदौर आ रहे हैं। इनमें डॉ. सुरेन्द्रसिंह पोखरना, नरेन्द्र भंडारी, मुंबई के न्यूरोलॉजिस्ट पद्मश्री डॉ.सुधीर शाह, जसलोक हास्पिटल मुंबई के न्यूरोसर्जन डॉ. परेश डोशी एवं डॉ. नरेन्द्र भंडारी जैसे नाम प्रमुख हैं। इनमें डॉ. शाह, डॉ. डोशी एवं डॉ. भंडारी ने भी पुष्टि की है कि जिनशासन की साधना, संयम और एकाग्रता से स्मरण शक्ति में चमत्कारिक वृद्धि होती है। इस रिपोर्ट के आधार पर भविष्य में बच्चों की स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए सरस्वती साधना रिसर्च फाउंडेशन अहमदाबाद द्वारा इंदौर सहित देशभर में स्कूली बच्चों पर इसका प्रयोग करने की योजना बनाई गई है।
बाल मुनि विजयचंद्र सागर का जन्म कोटा (राज.) में हुआ है और उनके परिवारजनों का कहना है कि उन्होंने जब से बोलना सीखा, तब से पहला शब्द दीक्षा बोला और मात्र 8 वर्ष की आयु में उन्होंने अपने गुरू का हाथ पकड़ लिया। उनकी शिक्षा कर्नाटक के मैसूर में हुई और दस वर्ष की उम्र में उन्होंने दीक्षा ग्रहण की।  इतनी कम उम्र से ही उनकी दिलचस्पी जिनशासन के प्रति लगातार बढ़ती रही और अब वे विश्व के पहले ऐसे बाल मुनि बन रहे हैं, जो एक साथ 300 से अधिक सवालों को मुंहजबानी याद रखकर तत्काल उन्हें उसी क्रम में अथवा उल्टे-सीधे और रेंडम क्रम में दोहराने का चमत्कार दिखाकर क्वांटम कम्प्यूटर की तरह अपनी स्मरण शक्ति का प्रदर्शन करेंगे। उनके इस चमत्कारिक प्रदर्शन को देखने के लिए कोटा के उद्योगपति गौतम बोरड़िया, इंदौर के 300 से अधिक सीए, 100 से अधिक डॉक्टर्स, मनोवैज्ञानिक, कार्डियोलाजिस्ट और मध्यप्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ और महाराष्र्ल से 10 न्यायाधीश तथा एक हजार से अधिक समाजबंधु भी आएंगे। इस कार्यक्रम के प्रति इन सभी विशिष्ट लोगों का उत्साह एवं आयोजन के प्रति उनकी लालसा इतनी अधिक है कि ये सभी लोग अपना वीआईपी स्वभाव छोड़कर नीचे बैठने के लिए भी तैयार हुए हैं। प्रतिदिन सैकड़ों लोगों के फोन आ रहे हैं, जो चाहते हैं कि इस कार्यक्रम की तिथि में बदलाव किया जाए ताकि वे लोग भी इस विश्व कीर्तिमान के साक्षी बन सकेंगे। स्टेडियम में आने वाले सभी लोगों को एक नोटबुक और पेन सहित किट दी जाएगी, जिसमें वे विभिन्न लोगों द्वारा पूछे गए सवालों को नोट करेंगे और जब मुनिराज जब उन्हें दोहराएंगे तब अपनी नोटबुक से मिलान करेंगे कि कितना सही और कितना गलत जवाब दिया है। आशय यह है कि 10 हजार लोग इस 13 वर्षीय बाल मुनि की स्मरण शक्ति की क्षमता को हाथोंहाथ जांचेंगे। स्टेडियम में प्रवेश, प्रवेश पत्र के आधार पर  ही संभव होगा तथा 15 वर्ष से कम आयु के बालकों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। मोबाइल स्वीच ऑफ रखने और बैठक व्यवस्था पहले आए, पहले पाएं के आधार पर रखने में सहयोग करने का आग्रह किया गया है।
विश्व में अब तक किसी 13 वर्ष के बालक द्वारा इस तरह की चमत्कारिक कार्यक्रम जीवंत प्रदर्शन के माध्यम से प्रस्तुत करने का यह अजूबा इंदौर में ही नहीं, विश्व में भी पहली बार हो रहा है,  हालांकि मुंबई में गत 1 मई 2023 को वर्ली स्टेडियम में 10 हजार लोगों की मौजूदगी में गणिवर्य प.पू. डॉ. अजीतचंद्र सागर म.सा. ने सहस्त्रावधान अर्थात एक हजार सवालों को अपने स्मृति पटल में जस का तस सुरक्षित रखकर उन्हें दोहराकर समूचे स्टेडियम को चमत्कृत बना दिया था। उनके इस अदभुत पुरुषार्थ को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्डस ने भी शामिल किया है। अब उन्हीं के शिष्य इंदौर में यह सब दोहराएंगे।
तिलकेश्वर पार्श्वनाथ तीर्थ धार्मिक पारमार्थिक सार्वजनिक न्यास एवं सरस्वती साधना रिसर्च फाउंडेशन अहमदाबाद के संयुक्त तत्वावधान में प.पू. जैनाचार्य नयचंद्र सागर सूरीधर म.सा. की पावन निश्रा में 29 शिष्य इन दिनों चातुर्मास के लिए तिलक नगर उपाश्रय इंदौर में विराजमान है। इनमें से 12 शिष्य ऐसे हैं, जो नियमित रूप से गणिवर्य प.पू. डॉ. अजीतचंद्र सागर म.सा. की प्रेरणा से शतावधान एवं सहस्त्रावधान का प्रशिक्षण लेकर अब इतने सक्षम और कुशाग्र बन गए हैं कि इनमें से अधिकांश शिष्य 100 से लेकर एक हजार बातों या सवालों को अपने स्मृति पटल में अंकित कर उन्हें उसी समय, तमाम व्यवधानों के बावजूद दोहराकर उपस्थित दर्शकों को चमत्कृत बना सकते हैं।

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