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हमारी नजर और नीयत हमेशा श्रेष्ठ बनी रहे, इसके लिए प्रतिदिन हनुमानजी से प्रार्थना करते रहें – पं. पुष्पानंदन

हवा बंगला कैट रोड स्थित हरिधाम आश्रम पर पांच दिवसीय हनुमत महायज्ञ एवं कथा का हुआ शुभारंभ

हरि धाम लोक मंगल न्यास

हमारी नजर और नीयत हमेशा श्रेष्ठ बनी रहे, इसके लिए प्रतिदिन हनुमानजी से प्रार्थना करते रहें – पं. पुष्पानंदन

हवा बंगला कैट रोड स्थित हरिधाम आश्रम पर पांच दिवसीय हनुमत महायज्ञ एवं कथा का हुआ शुभारंभ

इंदौर। मनुष्य को अपने जीवन में पद, पैसा और प्रतिष्ठा प्रारब्ध से मिलते हैं, लेकिन सत्संग तो परमात्म की कृपा से ही मिलेगा। जीवन में हमें सब कुछ मिल सकता है, लेकिन परमात्मा की कृपा पाने के लिए भक्तों की तरह परीक्षा भी देना पड़ती है। हमारी नजर और नीयत हमेशा श्रेष्ठ बनी रहे, इसके लिए हनुमानजी से प्रतिदिन प्रार्थना करते रहना चाहिए। हम सबके भीतर सुमति और कुमति, दोनों का स्थान बना हुआ है, लेकिन किसका प्रयोग कहां करना चाहिए इसका विवेक हमें हनुमानजी से ही मिलेगा। हमारे विचार दूषित नहीं होना चाहिए। जब कभी मन में बुरी नीयत और बुरी नजर की अनुभूति हो, थोड़ी देर के लिए हनुमानजी के नाम का जाप कर लें तो बुद्धि की शुद्धि हो जाएगी।

हवा बंगला कैट रोड स्थित हरिधाम पर प्रख्यात मानस मनीषी आचार्य पं. पुष्पानंदन पवन तिवारी ने मंगलवार को पांच दिवसीय हनुमत कथा के शुभारंभ सत्र में उक्त प्रेरक विचार व्यक्त किए। कथा शुभारंभ के पूर्व आश्रम के अधिष्ठाता महंत शुकदेवदास महाराज के सानिध्य में आश्रम के संस्थापक ब्रह्मलीन घनश्यामदास महाराज की स्मृति में दीप प्रज्ज्वलन कर डॉ. सुरेश चौपड़ा, प्रकाश अजमेरा, विजयसिंह राणा, गोपाल गोयल, दिनेश गर्ग, श्रीकांत शर्मा, ललित अग्रवाल, कल्याण भांगड़िया, संतोष साबू, मांगीलाल ठाकुर, पीयूष सेन, गोविंद मंगल, मुकेश बृजवासी आदि ने व्यासपीठ का पूजन किया। हनुमान चालीसा के सामूहिक पाठ के साथ इस ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ हुआ।

इसके पूर्व आश्रम पर नवनिर्मित मां यज्ञशाला में सुबह हनुमत महायज्ञ का भी शुभारंभ हुआ, जिसमें 11 विद्वानों ने महंत शुकदेवदास महाराज के सानिध्य में प्रभु श्रीराम एवं हनुमान के नाम से परिवार, समाज और राष्ट्र में सुख, शांति एवं सदभाव की कामना से आहुतियां समर्पित की। अनुष्ठान में शहरी तथा 25 गांवों के श्रद्धालु नियमित रूप से भागीदार बनेंगे। पहले दिन ही कथा पांडाल भक्तों की मौजूदगी से खचाखच भरा रहा। आश्रम पर प्रतिदिन सुबह 8 से 12 बजे तक हनुमत महायज्ञ एवं दोपहर 4 से सांय 7 बजे तक हनुमत कथा का दिव्य आयोजन 12 अप्रैल तक चलेगा। कथा स्थल पर भक्तों की सुविधा के लिए छाया, शीतल पेयजल, सुरक्षा, साफ-सफाई, निशुल्क वाहन पार्किंग सहित अनेक प्रबंध किए गए हैं।

हनुमत कथा में पं. तिवारी ने कहा कि जैसे आजकल मोबाइल में ड्यूल सिम का चलन है, वैसे ही हमारे शरीर में भी सुमति और कुमति जैसे दो सिम मौजूद हैं। इनमें से सुमति का प्रयोग कहां और कैसे करना है इसका ज्ञान हमें हनुमानजी की भक्ति और साधना से ही होगा। हनुमानजी भारतीय समाज का अदभुत, विलक्षण और अनुपम चरित्र है। वे दुष्टों को दंड देना भी जानते हैं और सज्जनों की रक्षा करना भी जानते हैं। रावण के पुत्र अक्षय कुमार को मारने के बाद हनुमानजी को उसका पश्चाताप भी हुआ और इसका उल्लेख वाल्मिकी रामायण में भी मिलता है। हनुमान भक्त भी हैं और भगवान भी। वे समुद्र लांघते समय विशालकाय बन जाते हैं और जब लंका में प्रवेश करने की बारी आती है तो छोटा सा मच्छर बनने में भी संकोच नहीं करते। हनुमान के चरित्र में ऐसी अनेक खूबियां हैं, जिनका संदेश यही है कि संसार की बड़ी से बड़ी दौलत मिल जाने पर भी कभी अहंकार नहीं करना चाहिए। सुख और दुख जीवन के क्रम है।

 

 

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