हमारी सनातन संस्कृति की पहचान है तिलक- वागधीश बाबाश्री
ब्रज मंडल गुणगाण महोत्सव के अंतर्गत रविवार को मनेगा नंदमहोत्सव, हजारों भक्त होंगे शामिल, 24 जुलाई तक होगी प्रवचनों की अमृत वर्षा

इंदौर से विनोद गोयल की रिपोर्ट
इंदौर । हमारी सनातन संस्कृति में धर्म से संबंधित जो भी कार्य बताए गए है उनका अपना महत्व है। लेकिन यह विडंबना हीं कही जाएगी की आज हमने अपनी हिन्दू सनातन संस्कृति को बिसरा दिया और विधर्मी संस्कृति को अपनाने में अपना जीवन बर्बाद कर रहे है। तिलक हमारी हिन्दू सनातन संस्कृति की पहचान है। तिलक में भगवान का वास माना गया है। इसे नि:संकोच मस्तक पर लगाया जाना चाहिए। ब्रज मंडल की रज भी हमें भगवान की प्राप्ति का अहसास कराती है।
यह बात मल्हारगंज स्थित गोवर्धन नाथ हवेली प्रांगण में ब्रज महिमा गुणगाण के अंतर्गत गोस्वामी वागधीश बाबाश्री ने ब्रजरज की महिमा बताते हुए कही। उन्होंने भक्तों को ब्रज के कई तिर्थों का वर्णन करते एवं दान की महिमा का वर्णन करते कहा कि दान देने में भी देश, काल और परिस्थितियों के अनुसार किया, दान भी पुण्य प्राप्ति का साधन बनता है। सुपुत्र को दिया दान ही लागू होता है। हमारे शास्त्रों ने हमें ज्ञान के रूप में दान दिया है उसे हमें गुरुजनों से ग्रहण कर सद्कार्यों में उपयोग करना चाहिए। उन्होंने धन का महत्व बताते हुए भक्तों को कहा कि धन को लौकिक कार्यों की बजाए अलौकिक कार्यों में लगाना चाहिए। श्री पुरूषोत्तम मास महामहोत्सव समिति जानकीलाल नीमा, मनोहर महाजन, अनिल भंडारी ने बताया कि शनिवार को ब्रज मंडल गुणगान में गोस्वामी वागधीश बाबाश्री ने ब्रज भूमि की रज , राधा-रानी के भानुगढ़ के साथ ही बरसाने के आसपास भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का वर्णन कर सभी को रसपान कराया।
श्री पुरूषोत्तम मास महामहोत्सव समिति मनोज नागर ने बताया कि मल्हारगंज स्थित गोवर्धन नाथ हवेली पर रविवार 23 जुलाई को ब्रज मंडल गुणगाण महोत्सव के अंतर्गत नंदमहोत्सव मनाया जाएगा। गोवर्धननाथ हवेली में सोमवार 24 जुलाई तक प्रवचनों की अमृत वर्षा दोपहर 3.30 से 7.30 बजे तक होगी।



