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सेंधवा; मानव देह लाखों पुण्य कर्मों के फल स्वरुप मिलती है, श्रीमद् भागवत कथा आयोजन के दौरान पंडित त्रिपाठी ने दिए प्रवचन।

सेंधवा। संसार के सभी प्राणियों में मानव सर्वश्रेष्ठ प्राणी है। मानव देह मनुष्य के लाखों पुण्य कर्मों के फल स्वरुप मिलती है। इस मानव देह की सार्थकता श्रीमद् भागवत् कथा के श्रवण से है। उक्त प्रवचन शहर स्थित महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण समाज धर्मशाला में प्रख्यात भागवत मर्मज्ञ पंडित आदित्य प्रकाश त्रिपाठी ने भागवत कथा के प्रथम दिवस दिए।
पंडित त्रिपाठी ने भागवत कथा में गोकर्ण की कथा के माध्यम से यह भी बताया कि भगवत् कृपा से प्राणी जन्म-मृत्यु के बंधनों से मुक्त हो जाता है। इस दौरान जीवन मृत्यु के इस चक्र को भी विस्तार से समझाया।
महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण समाज के द्वारा पितृपक्ष में अपने पूर्वजों को समर्पित श्रीमद् भागवत कथा जो कि दिनांक 23-9-2024 से 29-9-2024 सायं 5 बजे से रात्रि 8 बजे तक आयोजित हो रही है। भागवत् कथा का शुभारंभ भव्य कलश यात्रा के साथ हुआ। कलश यात्रा मोतीबाग चौक स्थित महाराष्ट्र मंदिर से प्रारंभ होकर महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण धर्मशाला में समाप्त हुई। इस कलश यात्रा में समस्त समाजजन उपस्थित हुए और पुष्प वर्षा कर कलश यात्रा का स्वागत किया। इस भागवत् कथा के मुख्य यजमान बसंत दादा उपासनी, अशोक भट्ट एवं अशोक पाटिल है। भागवत कथा आयोजन में समाज के वरिष्ठ श्री श्याम एकड़ी, मोरेश्वर देसाई, प्रकाश जोशी, अरविंद जोशी, समाज के महा सचिव संतोष वैद्य, सचिव दीपक उज्जैनकर तथा अन्य सभी समाज जनों का सराहनीय योगदान रहा। कार्यक्रम का संचालन मेघा एकड़ी तथा अध्यक्ष सुप्रिया वैद्य ने किया।

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