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मनमाड इंदौर रेल परियोजना; महाराष्ट्र शासन ने नही जारी की 10 प्रतिशत हिस्सेदारी, मप्र मे जमीन के नक्शे अपडेट नहीं होने से परियोना में हो रही है देरी, जिम्मेदार कौन? – मराठे

सेंधवा। बहुचर्चित मनमाड इंदौर रेल मार्ग परियोजना का काम धुलिया और नरडाणा के बीच जमीनी स्तर पर चल रहा है। इस पर संघर्ष समिती प्रमुख मनोज मराठे ने खुशी जाहिर की। वहीं उन्होंने इस 50 किलोमिटर के क्षेत्र को छोड़ कर बाकी के हिस्से में देरी होने को लेकर चिन्ता व्यक्त करते हुवे बताया की इसकी लागत लगातार बढ रही है। 2011 में जब इस परियोजना को लेकर इंदौर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। उस समय याचिका के जवाब में रेलवे बोर्ड ने के चेयर मेन श्री महेश कुमार ने इसकी लागत कोर्ट के जवाब में मात्र 1 हजार 700 सौ करोड़ बताई थी। वर्तमान में इसकी लागत लगभग 18 हजार करोड़ हो गई है। इसके बावजूद भी सही समय पर इस परियोजना का कोई भी काम प्रारंभ नहीं हो पा रहा है। मराठे ने कहा कि इस परियोजना में मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र सरकार द्वारा 10-10 प्रतिशत राशी देना तय हुवा था। मध्यप्रदेश इसकी मंजूरी दे चुका है, लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने अभी तक राशी की मंजूरी नहीं दी है। जिसको लेकर संघर्ष समिती प्रमुख मनोज मराठे ने महाराष्ट्र सरकार को पत्र लिखकर राशी जारी करने की माँग की है।

मराठे ने कहा कि इस मामले में धुलिया सासंद से भी चर्चा की जावेगी। मराठे के मुताबिक मध्य रेल्वे मुबंई ने भी महाराष्ट्र शासन को इस आशय का पत्र लिखा है। मराठे ने बताया कि मनमाड इंदौर का काम धुलिया बोरवीहीर से नरडाणा के पास भीलाली गाँव के बीच चल रहा है। इस परियोजना के काम में मात्र 20 किलोमीटर में केवल गिट्टी बिछाने और कुछ जगह पुलिया के पिलर खड़े करने का काम हुआ है। इसमें भी जमीन अधिगग्रहण को लेकर 20 किलोमीटर में मात्र 10 से 20 प्रतिशत काम ही चल रहा है। बाकी अधिग्रहण का विवाद और जमीन मालिकों को ढूंढने में समय लग रहा है। इसी तरह परियोजना से जुड़े उच्च अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार नासिक से मनमाड जिले के अंतर्गत और धुलिया जिले के अंतर्गत शिरपुर तक शेष बच्चे कार्य में जमीन अधिग्रहण को लेकर संपूर्ण लोकेशन प्राप्त हो चुकी है, किंतु मध्य प्रदेश के बड़वानी, खरगोन, धार, और इंदौर जिले में जमीन का लोकेशन स्थानीय तोर पर अपडेट पूर्ण नहीं होने से लोकेशन अधिग्रहण के लिए जमीन का मालिक ओर जमीन का मिलान नही हो पाया।

अभी तक अधिग्रहण का काम शुरु नहीं हो पा रहा है, जो बड़ी कठिनाई का काम है। इस तरह जमीनों का विवाद जमीनों का मूल्यांकन किसानों को उनकी जमीन का सही मूल्य देने जैसे विवादों को दूर करने के लिए संघर्ष समिति के सदस्य सहित नासिक सांसद, धूलिया सांसद पूर्व विधायक श्री अनिल गोटे, पूर्व सांसद श्री सुभाष भामरे, खरगोन बड़वानी सांसद श्री गजेंद्रसिंह पटेल, राज्यसभा सांसद श्री सुमेर सोलंकी, इंदौर सांसद श्री शंकर लालवानी, धार सांसद मंत्री उषा ठाकुर, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री अंतर सिंह आर्य इस क्षेत्र में आने वाले सभी विधायकों सहित संघर्ष समिति से जुड़े सदस्य को लेकर एक सममनवय समिति बनाने की पहल संघर्ष समिती प्रमुख मनोज मराठे ने करते हुवे समी सासंदो ओर रेल्वे बोर्ड को चिट्ठी लिखी।

जिससे समिती के माध्यम से समय समय पर परियोजना की समीक्षा हो ताकि इस परियोजना में आने वाली कठिनाइयों को अधिकारियों से उच्च स्तरीय बैठक कर समय पर निदान कर परियोजना को तय समय पर पूरा करने का प्रयास किया जाए। वर्तमान में किसानों की भूमि का मूल्य जो मांगा जा रहा है, नहीं मिल रहा है।

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