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सालों साल से संचालित अवैध आरा मशीन, वन विभाग को भनक तक नहीं सब में बटती रही चांदी

जिले में एक दर्जन से अधिक आरा मशीनों का अवैध संचालन हो रहा हे जिम्मेदारो को सब पता नए डीएफओ आने के बाद करवाई।

आशीष यादव धार।

जिले में अवैध लकड़ी व अवैध कटाई का कार्य जोरो पर चल रहा हे वहीं इसके साथ आरा मशीनों का संचालन भी नियम के विरोध हो रहा हे वहीं एक बार फिर एक सप्ताह में में यह दूसरी करवाई धार डिविजन ने देखने को मिली हे वहीं धार वन विभाग को मुखबिर से बुधवार 17 सितंबर को कानवन में संचालित एक अवैध आरा मशीन की सूचना मिली। सूचना पर 19 सितंबर को कार्रवाई करते हुए विभागीय टीम ने छापा मारकर लकड़ी जब्त की। डीएफओ धार विजयनंथम टी.आर.के. के मार्गदर्शन में गठित दल ने स्व.शिवनारायण भाटी की आरा मशीन पर छापा मारा। टीम में परिक्षेत्र अधिकारी सरदारपुर शैलेंद्र सोलंकी,विक्रमसिंह निनामा,प्रताप गोयल और पत्तलसिंह भारती शामिल रहे। जिनके द्वारा करवाई की गई।

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आरोपी की खिलाफ पंजीबद्ध किया:
जांच के दौरान एक हाथ कटर मशीन और करीब 25 क्विंटल आरकाट जलाऊ लकड़ी जब्त की गई।
जिसकी अनुमानित कीमत 14 हजार 600 रुपये बताई गई। मौके पर किसी भी प्रकार के दस्तावेज न मिलने पर भारतीय वन अधिनियम 1927 और म.प्र. काष्ठ चिरान अधिनियम 1984 के तहत अपराध क्रमांक 52/05 दिनांक 19.09.2025 दर्ज किया गया। प्रकरण स्व. शिवनारायण भाटी की पत्नी सज्जनबाई के खिलाफ पंजीबद्ध हुआ।

सालों से हो रहा संचालन:
सूत्रों के अनुसार,यह अवैध आरा मशीन पिछले 12 सालों से सक्रिय थी और इसका मामला पहले से ही धार वन विभाग में लंबित है। स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से लंबे समय तक संचालन जारी रहने की चर्चाएँ हैं। वहीं अगर कोई अवैध गतिविधियों का संचालन होता हे उसकी जानकारी विभाग के कमर्चारियों को सूत्रों से पता चल है मगर यह आरा मशीन सालों से चल रही थी मगर इसकी भनक किसको नहीं ऐसा हो नहीं सकता। अवैध विभाग की मिलीभगत के बिना नहीं हो सकते। वहीं जिले में नए पदस्थ सहाब का लचीला व्यवहार भी अवैधकार्य को बढ़ावा दे रहे जैसे नए सहाब की जैसे तारीफ सुनी वैसा कार्य जमीनीस्तर पर देखने को नहीं मिल रहा।

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मांडू रेंज अवैध गतिविधियों का बना गढ़:
जहां एक ओर नियमों की बात करने वाले मांडू रेंज के अधिकारी और कर्मचारीयो के रहते हुए भी रेंज में अवैध गतिविधियों का गढ़ बना हुआ हे। सूत्र को अनुसार मांडू में वन विभाग के जमीन पर कब्जा करवाकर खरीदी बिक्री का भी कार्य जोरो से किया जा रहा हे वहीं मांडू रेंज मे आने वाले पीथमपुर में अवैध लकड़ियों की मंडी बनी हुई हे यहां पर कर्मचारीयो की मिलीभगत से हर रोज दो दर्जन लकड़ी की गाड़ियों बंद दरवाजों से कम्पनीयो के अंदर जा रही यहाँ पदस्थ कर्मचारी सालों से जमे हुए है जो अवैध लकड़ी परिवहन के सौदागर बने हुए हे। यह पूरा काम इंदौर व धार स्तर के अधिकारियों की नगरानी में हो रहा हे। जिसमें तस्करों को अधिकारीयो का संरक्षण प्राप्त हे। वहीं मांडू के सभी कमर्चारी व अधिकारी मुख्यालय छोड़ घर से शासकीय कार्य करने में लगे

लडकी जब्त कर करवाई की:
वनमंडलाधिकारी विजयनंथम टी.आर. ने बताया कि कार्रवाई के दौरान लकड़ी जप्त कर पंचनामा बनाया गया। संचालक से स्टॉक रजिस्टर,नवीनीकरण दस्तावेज और कटाई अनुमति पत्र मांगे गए। दस्तावेज प्रस्तुत न करने पर प्राथमिक अपराध रिपोर्ट (पीओआर) दर्ज की गई है। साथ ही आरा मशीन का बिजली बिल भी जांच के लिए तलब किया गया है।
अधिकारियों का कहना है कि नवीनीकरण और अनुमति पत्र उपलब्ध होने के बाद ही आगे की कार्यवाही तय होगी। यदि जांच में अनियमितता साबित होती है,तो कठोर दंडात्मक कार्रवाई होगी।

गंभीर सवाल : कार्रवाई उस समय क्यों नहीं हुई?
जानकारी के अनुसार 31 जुलाई 2025 को सीसीएफ उड़नदस्ता और विक्रम सिंह निनामा की टीम ने बदनावर व कानवन क्षेत्र की आरा मशीनों की जांच की थी। आश्चर्य की बात यह है कि उस दौरान अधिकारियों ने इस आरामशीन की भी जांच की थी, लेकिन उस समय कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब अवैध लकड़ी पकड़ी गई है,तो सवाल उठता है कि आखिर इतनी बड़ी चूक कैसे हुई और 12 साल से संचालित यह अवैध आरा मशीन पहले क्यों नहीं पकड़ी गई जबकि वन मंड़ल में भी आरा मशीनों की जानकारी रहतीं है?

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