बड़वाह के जयंती माता मंदिर मे सात दिवसीय श्रीमद् भागवत पारायण पाठ के समापन के साथ मनाई ब्रह्मलीन गुरु महाराज की पुण्यतिथि

कपिल वर्मा बड़वाह। शहर तीन किलोमीटर दूर वन क्षेत्र मे जैतगढ़ पहाड़ पर विराजित प्राचीन जयंती माता मंदिर में नवरात्रि पर्व के दौरान माता जयंती ने चोलावर्ण त्याग कर मूल स्वरूप में आने के उपलक्ष्य मे नवचंडी पाठ का आयोजन सहित मंदिर के पूर्व गुरु जी ब्रह्मलीन पंडित श्री नारायण पांडे की 39 वी पुण्यतिथि के अवसर पर 18 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक श्रीमद् भागवत कथा का मूल पाठ पारायण का आयोजन मंदिर के पुजारी पंडित रामस्वरूप शर्मा के सानिध्य में सम्पन्न हुआ। शुक्रवार को ब्रह्मलीन गुरु महाराज पंडित नारायण जी पांडे की 39 की पुण्यतिथि मनाई गई। इस अवसर पर मां जयंती का विशेष श्रृंगार किया गया। आनंदेश्वर भक्त मंडल द्वारा संगीतमय सुन्दर कांड का पाठ किया गया। इस अवसर पर महामंडलेश्वर श्रीश्री 1008 महंत बालकदास जी महाराज,महंत टाटम्बरी सरकार,महंत हनुमान दास जी महाराज,महंत नर्मदानंद बापजी, महंत विजयदास जी महाराज सहित संत-महंत ने पहुंचे जिनका भक्तो ने बैंड-बाजो के साथ स्वागत किया। पश्चात सभी ने माता का पूजन कर दर्शन किए। दोपहर 12 बजे माता जयंती को भोग लगाया गया इसके बाद सैंकड़ो भक्त की उपस्थिति में महाआरती की गई। आरती के बाद विशाल भंडारा प्रसादी का आयोजन शुरू हुआ।जिसमें सभी संत महंतों सहित भक्ति ने प्रसादी ग्रहण की। मंदिर व्यवस्थापक पंडित महेंद्र शर्मा ने बताया कि 18 अक्टूबर से जयंती माता मंदिर में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के मूल पाठ पारायण का शुभारंभ हुआ था। इस दौरान प्रतिदिन भागवत कथा के साथ विशेष पाठ वेदपाठी ब्राह्मणों द्वारा किया गया। गुरुवार शाम को नवचंडी पाठ हुआ। जिसके बाद माता का विशेष श्रृंगार भी हुआ। इस दौरान माता भक्त लक्ष्मीनारायण सोनी परिवार ने माता को चांदी का मुकुट अर्पित किया था।