विविध

नगर परिषद का खज़ाना खाली!
कैसे मनेगी कर्मचारियों की दिवाली?

खरगोन से दिनेश गीते

नगर परिषद भीकनगांव की आर्थिक स्थिति इन दिनों दयनीय बनी हुई है। नगर में विकास कार्यों पर तो मानो लगाम सा लग गया है साथ ही कर्मचारियों के वेतन ओर परिषद सदस्यों के मानदेय भुगतान तक के लाले पड़ रहे हैं। प्राप्त जानकारी अनुसार नगर परिषद में वर्तमान में  25 स्थायी, 43 विनियमित तथा 54 दैनिक वेतनभोगी इस प्रकार कुल 122 कर्मचारी कार्यरत हैं साथ ही परिषद सदस्यो की संख्या 15 है। इन 122 कर्मचारियों के वेतन ओर 15 परिषद सदस्यो के मानदेय का भुगतान नगर परिषद के निकाय मद ओर शासन स्तर से मिलने वाली चूंगीकर से किया जाता है।

नगर परिषद में वेतन – मानदेय भुगतान की स्थिति ……

प्राप्त जानकारी अनुसार नगर परिषद को प्रतिमाह चूंगीकर लगभग 18 लाख रूपये ही प्राप्त होता है ओर वेतन – मानदेय आदि का भुगतान 23 लाख रूपए प्रतिमाह करना होता है इस प्रकार जो अंतर की राशि लगभग 5 लाख रूपए होती है वह निकाय निधि से करना पड़ता है। नगर परिषद को माह अगस्त की चूंगीकर की राशि लगभग 18 लाख रुपए प्राप्त हुई है तथा निकाय के विधुत बिल लगभग 9 लाख 57 हजार रुपए बकाया होने के कारण शासन स्तर से ही कटौती कर माह सितंबर की चूंगीकर की राशि मात्र 8 लाख 47 हजार रुपए ही प्राप्त हुई है। माह अक्टूबर  की चूंगीकर की राशि अभी अप्राप्त है। ऐसी स्थिति में कर्मचारियों को माह अगस्त के वेतन का भुगतान करना भी संभव नहीं है।नगर परिषद में कार्यरत कर्मचारियों को माह अगस्त, सितंबर तथा अक्टूबर माह के वेतन – मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है।
        
आपको बता दें कि शासन के स्पष्ट निर्देश है कि कर्मचारियों के वेतन आदि आकस्मिक व्यय के लिए प्रत्येक निकाय एक संचित निधि बैंक में जमा रखेगी। इस निधि या उससे मिलने वाले ब्याज से निकाय के कर्मचारियों के वेतन के साथ साथ आकस्मिक व्यय किया जाएगा लेकिन नगर परिषद भीकनगांव में शासन के इन निर्देशों की धज्जियां उड़ाई रही है ओर कर्मचारियों के अधिकारों के हनन करने से बाज़ नहीं आ रही है।

उधर शासन ने काट लिया बिजली बिल…. इधर कर्मचारियों की बत्ती हो गयी गुल …… ओर नगर परिषद ने अन्य मद में कर दिया भुगतान..…..

एक तरफ जहां नगर परिषद का बिजली बिल लगभग 9.53 लाख रुपए बकाया होने के कारण शासन ने माह सितम्बर की चूंगीकर की राशि में से काट ली ओर परिषद को मात्र 8.47 लाख रुपए लगभग ही मिले तो वही दूसरी तरफ नगर परिषद ने अधोसंरचना मद की ब्याज राशि लगभग 27 लाख रुपए का भुगतान कर्मचारियों को वेतन भुगतान करने के बजाय कचरा गाड़ी वाहनों की खरीदी में कर दिया जिस कारण निकाय कर्मियों के वेतन के लाले पड़ गये है। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक कर्मचारी ने बताया कि 3 माह से वेतन नहीं मिला है किराणा सहित अन्य सामग्री के दुकानदारों ने उधार देने से भी मना कर दिया है दशहरे का त्यौहार तो जैसे तैसे मना लिया लेकिन सामने दिपावली का त्योहार है अब तो चिंता सताने लगी है कि यदि परिषद ने एक ही माह का वेतन दिया तो वह तो बैंक लोन में ही कट जाऐगा फिर कैसे दिपावली मनाएंगे? कर्मचारी ने आगे बताया कि जब से नयी परिषद आयी है तब से वेतन भुगतान की यही स्थिति बनी हुई है कभी भी नियमित वेतन नहीं मिला है यहां तक कि कर्मचारियों को हड़ताल पर भी बैठना पड़ा है।

पूर्व पार्षद ओर नेता प्रतिपक्ष ने लगाए आरोप ….

नगर परिषद के पूर्व पार्षद ओर नेता प्रतिपक्ष जाकिर खिलजी ने बताया कि नगर परिषद की रौनक इन दिनों खो सी गई है। नयी परिषद में  अब तक 4 सीएमओ ने कार्यभार संभाला है लेकिन फिर भी स्थायी रुप से कोई सीएमओ पदस्थ नहीं हुए हैं। वर्तमान में  सनावद सीएमओ विकास डाबर के पास यहां का अतिरिक्त प्रभार है। कर्मचारियों की कोई सुनने वाला नहीं है। नगर परिषद अध्यक्ष शासन निर्देशों को ताक पर रखकर मनमाने ढंग से योजनाओं राशि का दुरूपयोग कर रही है। मेरे द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत करने पर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। नियमानुसार कर्मचारियों को मासिक वेतन नियमित रूप से मिलना चाहिए।
      जाकिर खिलजी, पुर्व पार्षद एवं नेता प्रतिपक्ष नगर परिषद भीकनगांव

मेरा स्वास्थ्य अभी खराब है 2 – 3 दिन में भीकनगांव आकर स्थिति देखकर प्रयास करूंगा कि दिपावली के पहले कर्मचारियों को वेतन भुगतान हो जाये।

 विकास डावर, (प्रभारी सीएमओ) नप भीकनगांव

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