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गीता भवन में 20 दिवसीय शिवाशीष महोत्सव का शिव शंकर के जयघोष के बीच हुआ शुभारंभ

प्रतिदिन सुबह 7 से रात 9 बजे तक आम भक्तों के लिए निःशुल्क दर्शन, पूजन, अभिषेक की व्यवस्था रहेगी

इंदौर, । गीता भवन में श्रावण एवं पुरुषोत्तम मास के उपलक्ष्य में सवा लाख पंचमुखी रूद्राक्ष से निर्मित 13 फीट ऊंचे शिवलिंग के अभिषेक एवं पूजन का शुभारंभ आज गोधरा (गुजरात) की साध्वी परमानंद सरस्वती के सानिध्य में समाजसेवी प्रेमचंद-कनकलता गोयल एवं विजय-श्रीमती कृष्णा गोयल के आतिथ्य में देश की 11 पवित्र नदियों के जल एवं पांच ज्योतिर्लिंग से लाई गई मिट्टी से निर्मित द्वादश ज्योतिर्लिंग के अभिषेक के साथ हुआ। भगवान शिव शंकर के जयघोष के बीच अतिथियों ने आठ फीट ऊंचे मंच पर चढ़कर इस अनूठे शिवलिंग का जलाभिषेक किया। साध्वी परमानंदा सरस्वती ने कहा कि यहां शिव भी है, ज्योतिर्लिंग भी है और गीता भवन परिसर स्थित सभी देवी-देवता भी हैं तो श्रावण मास में हो रहे इस उत्सव को शिवाशीष महोत्सव का नाम दिया जाना चाहिए।

        गोयल पारमार्थिक ट्रस्ट, गीता भवन ट्रस्ट एवं गुजरात के उत्सव चेरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आज से प्रारंभ हुए इस शिवाशीष महोत्सव में पहले दिन ही भक्तों की कतारें लगी रही। संयोजक किशोर गोयल एवं श्याम अग्रवाल मोमबत्ती ने बताया कि यह शिवलिंग 29 अगस्त तक आम भक्तों के लिए निःशुल्क दर्शन, पूजन एवं अभिषेक के लिए सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहेगा। शिवलिंग के पूजन हेतु 8 फीट ऊंचा मंच बनाया गया है, जहां सीढ़ियों की मदद से चढ़कर शिवलिंग के जलाभिषेक  की व्यवस्था की गई है। महिला-पुरुषो के लिए अलग-अलग कतार रखी गई है। पूजन की सामग्री भी यहां निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। प्रत्येक श्रद्धालु को पूजन के बाद रूद्राक्ष का प्रसाद भी भेंट किया जाएगा। शिवलिंग पूजन के पूर्व द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन भी यहां उपलब्ध रहेंगे। इनका निर्माण गुजरात से आए केतनभाई – अरूणा बेन एवं उनकी टीम ने किया है। शिवलिंग के पूजन एवं दर्शन के साथ यहां रूद्राभिषेक का क्रम भी प्रतिदिन जारी रहेगा। आज पहले दिन 21 यजमान युगलों ने रूद्राभिषेक में भाग लिया।  प्रारंभ में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच समाजसेवी टीकमचंद गर्ग, विष्णु बिंदल, बालकृष्ण छाबछरिया, कुलभूषण मित्तल कुक्की, बृजकिशोर गोयल, राम ऐरन, रामविलास राठी, मनोहर बाहेती, महेशचंद्र शास्त्री आदि ने दीप प्रज्ज्वलन कर अतिथियों के साथ महोत्सव का शुभारंभ किया। अतिथियों का स्वागत किशोर गोयल, महेश चायवाले, अजय आलूवाले, प्रमोद बिंदल आदि ने किया।

समूचे अनुष्ठान के सूत्रदार प्रेमचंद गोयल ने इस मौके पर कहा कि प्रदेश में दूसरी बार इंदौर के गीता भवन परिसर में हो रहे इस अनूठे महोत्सव का आयोजन भक्तों के लिए सौभाग्य का दुर्लभ अवसर है। श्रावण में शिव की भक्ति का यह प्रेरक और स्वर्णिम मौका है। यहां प्रतिदिन विद्वान ब्राह्मणों द्वारा रूद्राभिषेक, महामृत्युंजय महामंत्र का पाठ, अमरनाथ के शिवलिंग का पूजन, स्कूली बच्चों को आमंत्रित कर पूजन के बाद उन्हें सरस्वती यंत्र भेंट करने और शहर के सभी प्रमुख मठ-मंदिरों के पंडितों, पुजारियों और संस्कृत पाठशालाओं के वेदपाठी बटुकों को आमंत्रित कर उनसे पूजन कराने का कार्यक्रम बनाया गया है। साध्वी परमानंदा सरस्वती ने समूचे महोत्सव को शिवाशीष महोत्सव नाम दिया, जिसे करतल ध्वनि से स्वीकार किया गया।

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