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‘एक लोटा जल, सभी संकटों का हल- पं. तिवारी

शिव सबसे सरल देव जो केवल जलाभिषेक से ही हो जाते हैं प्रसन्न-धरावरा धाम पर अ.भा. मानस सम्मेलन में शिव पुराण कथा का शुभारंभ

एक लोटा जल, सभी संकटों का हल- पं. तिवारी

शिव सबसे सरल देव जो केवल जलाभिषेक से ही हो जाते हैं प्रसन्न-धरावरा धाम पर अ.भा. मानस सम्मेलन में शिव पुराण कथा का शुभारंभ

इंदौर, । भगवान शिव को सृष्टि का बीज माना गया है। बीज को अंकुरित होने के लिए जल तत्व की जरूरत होती है, इसीलिए भगवान शिव भी केवल जलाभिषेक से ही प्रसन्न हो जाते हैं। जैसे बीज की पहली जरूरत जल होती है, शिव भी जल तत्व को ही अपनी प्रसन्नता का कारण मानते हैं। शिव संसार के सार हैं, इसीलिए ‘एक लोटा जल, सभी समस्याओं का हल’ कहा गया है। शिव पुराण कथा जीव मात्र के लिए सबसे सहज सरल और कल्याणकारी ग्रंथ माना गया है।

प्रख्यात मनीषी पं. पुष्पानंदन पवन तिवारी ने धार रोड स्थित धरावरा धाम आश्रम परिसर में ब्रह्मलीन महंत घनश्यामदास महाराज के 16 वें पुण्य स्मृति प्रसंग पर महंत शुकदेवदास के सानिध्य में आयोजित अ.भा. मानस सम्मेलन के तहत शिव पुराण कथा के शुभारंभ सत्र में व्यक्त किए। व्यासपीठ का पूजन सांसद शंकर लालवानी, समाजसेवी गोपाल गोयल, कल्याण भांगड़ियां, सीताराम नरेड़ी, सुधीर अग्रवाल ने किया। इस मौके पर आश्रम परिसर में शिव पुराण एवं विद्वान वक्ता की शोभायात्रा भी निकाली गई। अतिथियों का स्वागत डॉ. सुरेश चोपड़ा, ललित अग्रवाल, संतोष सिंह, मुकेश ब्रजवासी, गुमानसिंह, आदि ने किया ।

पं. तिवारी ने कहा कि भारतीय धर्म- संस्कृति के क्षेत्र में शिव पुराण की गणना 18 पुराणों में चौथे क्रम पर होती है। वेदव्यास ने शिव पुराण के एक लाख श्लोक का सार 24 हजार श्लोकों में समाहित कर जीव मात्र के कल्याण के लिए यह ग्रंथ उपलब्ध कराया है, जो सारे विश्व का मार्गदर्शन कर रहा है। महोत्सव में 25 गांवों के श्रद्धालु भागीदार बने हुए है। महंत शुकदेवदास ने बताया कि सम्मेलन के माध्यम से एक हजार परिवारों को रामायण से जोड़ने के अभियान का शुभारंभ महोत्सव के दौरान किया जाएगा। शिव पुराण कथा 28 फरवरी तक प्रतिदिन दोपहर 1 से सांय 5 बजे तक होगी।

 

 

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