अन्नपूर्णा क्षेत्र माहेश्वरी महिला मंडल ने भगवान शालीग्राम का निकला बाना, भजनों पर थिरकी महिलाएं

इंदौर से विनोद गोयल की रिपोर्ट
गोस्वामी वागधीश बाबाश्री के सान्निध्य में हुआ एक एकादशी उद्यापन एवं तुलसी विवाह
इन्दौर ।श्री अन्नपूर्णा क्षेत्र माहेश्वरी महिला मंडल द्वारा पुरूषोत्तम मास में दो दिवसीय दिव्य आयोजन आरटीओ रोड़ स्थित विट्ठल रूकमणी गार्डन में आयोजित किया गया। जिसमें प्रथम विद्वान पंडि़तों के सान्निध्य में एकादशी व्रत उद्यापन एवं तुलसी विवाह मनोरथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम में गोस्वामी वागधीश बाबाश्री ने प्रवचनों की अमृत वर्षा भी की। श्री अन्नपूर्णा क्षेत्र माहेश्वरी महिला मंडल अध्यक्ष सीमा माहेश्वरी सचिव पूनम मालपानी एवं अजय सारड़ा ने बताया कि ने बताया कि दो दिवसीय आयोजन स्व. सरस्वती देवी सारड़ा की स्मृति में गिरधारीलाल सारड़ा द्वारा आयोजित किया गया। जिसमें 15 जोड़ों ने एकादशी उद्यापन में भाग लिया एवं शाम को तुलसी विवाह का मनोरथ हुआ। मुख्य यजमान रमेश-शकुंतला चितलांग्या परिवार थे। जिन्होंने सुबह 8 बजे विद्वान पंडि़तों के सान्निध्य में एकादशी उद्यापन व्रत की सभी विधियां संपन्न की गई। दोपहर के सत्र में तुलसी विवाह का मनोरथ आयोजन हुआ। जिसमें गीत संगीत के साथ ही शाम को 4 बजे शालीग्राम का भव्य बाना भी गाजे-बाजे के साथ निकाला गया। शालीग्राम के इस बाने में जहां महिलाएं केशरिया परिधान में शामिल हुई तो वहीं पुरूष भी श्वेत वस्त्र में नजर आएं। आरटीओ रोड़ स्थित विट्ठल रूकमणी गार्डन से निकली शालीग्राम की इस शोभायात्रा में गोस्वामी वागधीश बाबाश्री सभी को अपना आशीर्वाद प्रदान कर रहे थे वहीं दुसरी ओर महिलाएं भजनों पर नाचते-झूमते भगवान शालीग्राम को अपने सिर धारण किए हुए थी। विभिन्न मार्गों से होते हुए भगवान शालीग्राम की शोभायात्रा गार्डन पर पहुंची जहां तोरण की विधि संपन्न की गई। इसके पश्चात सभी 15 जोड़़ों ने तुलसी विवाह की सभी विधियां संपन्न की। श्री अन्नपूर्णा क्षेत्र माहेश्वरी महिला मंडल द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में संयोजक अर्चना के माहेश्वरी, अलका माहेश्वरी, रश्मि मूछाल, ज्योति झंवर, सुनीता मूंदड़ा, रेखा पसारी, आशा झंवर, रमा साबू, घनश्याम झंवर, आशा साबू सहित बड़ी संख्या में समाज की महिलाएं उपस्थित थी।
आज ब्राह्मण भोज के साथ होगा समापन-
संस्था अध्यक्ष सीमा माहेश्वरी ने बताया कि दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन रविवार 30 जुलाई को सुबह 11 बजे ब्राह्मण भोजन के साथ होगा। ब्राह्मण भोज के साथ ही सभी का पाद-पक्षालन किया जाएगा एवं सभी विद्वान पंडि़तों के आर्शीवचन भी होंगे।